हृदयेश जोशी
#Silicosis कार्यस्थल पर होने वाली एक जानलेवा बीमारी है जिसे “मौत का कुंआं” भी कहा जाता है. सिलिका मिश्रित धूल फेफड़ों में जाने से मजदूर बीमार हो जाते हैं. भारत में हर साल हजारों मजदूर इस बीमारी के कारण दम तोड़ रहे हैं. देश में सिलिकोसिस पीड़ितों की सही संख्या का अंदाजा नहीं है लेकिन अलग-अलग अनुमान और #ICMR के डाटा से पता चलता है कि साल 2000 में ही कोई एक करोड़ लोग इसकी चपेट में थे. मजदूर को मौत के दरवाजे तक ले जाने वाले ये सारे उद्योग कंपनियों और ठेकेदारों के लिए सोना उगलते हैं लेकिन इन मज़दूरों के पास कोई स्वास्थ्य या सामाजिक सुरक्षा का कवर नहीं है.
देखिये हृदयेश जोशी द्वारा निर्देशित भारत के कई राज्यों से जमीनी हकीकत दिखाती यह डॉक्यूमेंट्री – सांसों में सिलिका.
Stock footage provided by Videvo, downloaded from videvo.net
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