वाराणसी के जिलाधिकारी द्वारा सर्व सेवा संघ की खरीदी हुई जमीन का बैनामा खारिज करना उनके अधिकार क्षेत्र के बाहर का विषय है / Gandhians Launch Satyagraha Against Demolition & Takeover of Sarva Sewa Sangh by BJP Govt

Gandhians Launch Satyagraha Against Takeover of Sarva Sewa Sangh by BJP Govt

*82 वां दिन* / 1 दिसंबर 2024 

 सत्याग्रह स्थल / राजघाट,वाराणसी

*जिलाधिकारी को बैनामा रद्द करने का अधिकार नहीं है*

इलाहाबाद हाई कोर्ट के *अधिवक्ता सत्येंद्र तिवारी* ने कहा कि वाराणसी के *जिलाधिकारी एस राजलिंगम द्वारा सर्व सेवा संघ की खरीदी हुई जमीन का बैनामा खारिज करना उनके अधिकार क्षेत्र के बाहर का विषय* है। जिलाधिकारी का यह कदम गैरकानूनी एवं असंवैधानिक हैं क्योंकि *जिलाधिकारी को सिर्फ राजस्व अधिकार प्राप्त है, मालिकाना तय करने का उसे कोई अधिकार नहीं है*। जिला अधिकारी ने जो भी किया है वह अपराध की श्रेणी में आता है।

 इलाहाबाद हाई कोर्ट के *अधिवक्ता प्रमोद कुमार सिंह* ने बेबाकी से कहा कि यह स्पष्ट रूप से *गांधी की वैचारिकी पर हमला* है। इस स्थान पर आर आर एस का शाखा लगाया जाएगा। *जनता के पैसे से यहां होटल बनाकर अडानी को सौंप दिया जाएगा। चारों तरफ लूट का राज चल रहा है*। गांधी की हत्या ने अछूत बनाकर रखा था, वहीं जब सत्ता में आ गए तो ये अपने मूल चरित्र में आ गए हैं। लोगों को जाति एवं धर्म के नाम पर लड़ा रहे हैं। 

आज सत्याग्रह पर बैठे वाराणसी के सामाजिक सरोकार रखने वाले वरिष्ठ *अधिवक्ता प्रेम प्रकाश सिंह यादव* ने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि न्याय के दीप जलाएं सत्याग्रह को अधिवक्ताओं का पूर्ण समर्थन है क्योंकि यहां कानून का घोर उल्लंघन हुआ है। *इस परिसर को विधिक प्रक्रिया को धता बताते हुए बिना किसी वाद, सुनवाई और आदेश के कब्जा कर ध्वस्त कर दिया गया*। इस कब्जे के पीछे सरकार, प्रशासन और कॉरपोरेट का गठजोड़ काम कर रहा है। यह सत्याग्रह सर्व सेवा संघ की जमीन का ही नहीं है बल्कि गांधी, विनोबा, जयप्रकाश की विचारधारा को बचाने का है। इस सत्याग्रह में हमारा योगदान जमीनी और कानूनी, दोनों स्तर पर जारी रहेगा।

उपवास पर बैठे *पूर्व डिप्टी कमिश्नर, वाणिज्य कर डॉ श्याम धर तिवारी* ने कहा कि सभ्य देश और समाज की व्यवस्था कानून और संविधान से चलती है l भारत रत्न आचार्य विनोबा भावे और वैकल्पिक राजनीति के नायक जयप्रकाश नारायण द्वारा वाराणसी में स्थापित सर्व सेवा संघ देश में आध्यात्मिक एवं मानवीय मूल्यों को प्रसारित करने वाला प्रामाणिक और आस्था का स्थान रहा हैl इस पूरे परिसर को भारत और राज्य सरकार के अधिकारियों द्वारा आकाओं के निर्देश पर दिन-दहाड़े ध्वस्त कर देना, ग्रंथों को कूड़ा गाड़ी में भरकर फिकवा देने का कार्य जाहिल शासकों की याद दिलाता है l सरकार का यह कार्य बहुत ही दुखदाई और सरासर अन्यायपूर्ण है l  

देश का विकास केवल सड़कों और पुलों से नहीं होता, अपितु श्रेष्ठ मानवीय मूल्यों के प्रचार प्रसार, उनकी स्थापना, उनके प्रति लोगों की आस्था विकसित करने से आती है l यह बात सत्ता केंद्रों को ध्यान में रखनी चाहिए l *वर्तमान सरकार के कार्यकाल में यह अनर्थ हुआ है, अच्छा होगा कि वे इस प्रकरण का शीघ्र संज्ञान लें और सर्व सेवा संघ,राजघाट, वाराणसी के भवन-परिसर को पुनः स्थापित करें* l बौद्धिक, वैचारिक रूप से सर्व सेवा संघ *जय जगत* की बात करता हैl सर्व सेवा संघ और उसके संस्थापक स्वाधीनता संग्राम सेनानियों को सम्मान मिलना चाहिए l इससे प्रधानमंत्री, उनकी सरकार और स्वाधीनता सेनानियों की प्रतिष्ठा बढ़ेगी, नागरिकों को न्याय मिलेगा l

आज उपवास पर बैठी वाराणसी की *अधिवक्ता नीतू पांडे* ने कहा कि सर्व सेवा संघ का मामला जब न्यायालय में विचाराधीन था तब बिना कोर्ट के आदेश के जिस तरह से परिसर को गिराया गया वह निंदनीय है। इस परिसर में रहने वाले परिवारों को क्रूरतापूर्वक खाली करवाया गया। महिलाओं, बच्चों और बुजुर्गों को जबरन अपने घर से निकाल दिया। यह मानवाधिकारों का हनन है।

*गांधी विरासत को बचाने के* लिए वाराणसी स्थित राजघाट परिसर के सामने चल रहे सत्याग्रह का *आज 82 वां दिन* है। स्वतंत्रता आंदोलन में विकसित हुए *लोकतांत्रिक भारत की विरासत और शासन की मार्गदर्शिका- संविधान* को बचाने के लिए 11 सितंबर (विनोबा जयंती) से सर्व सेवा संघ के आह्वान पर *”न्याय के दीप जलाएं -100 दिनी सत्याग्रह* जारी है जो *19 दिसंबर 2024* को संपन्न होगा। सत्याग्रह आज *सर्व धर्म प्रार्थना एवं गीता पाठ* के साथ अपने 82 वें पायदान पर पहुँच गया है।

आज सत्याग्रह में मुख्यतः अधिवक्ताओं ने उपवास रखा। उपवासकर्ताओं में *वाराणसी से अधिवक्ता प्रेम प्रकाश सिंह यादव व नीतू पांडे, प्रयागराज से अधिवक्ता सत्येंद्र तिवारी व प्रमोद कुमार सिंह तथा पूर्व डिप्टी कमिश्नर, वाणिज्य कर डॉ श्यामधर तिवारी* शामिल रहे। सत्याग्रह में उत्तर प्रदेश सर्वोदय मंडल के अध्यक्ष रामधीरज, वरिष्ठ गांधीवादी विद्याधर, लोक समिति के प्रमुख नंदलाल मास्टर, गांधीवादी एक्टिविस्ट जागृति राही, सुरेंद्र सिंह, महेंद्र कुमार, सिस्टर फ्लोरीन, तारकेश्वर सिंह वाहिनी की साथी रही पटना से पूनम, ललित नारायण मौर्य, औरंगाबाद से संजय रघुवर, विनोद जयसवाल, देवनाथ साहनी, डॉ आनंद कुमार, डॉ संतोष कुमार, डॉ राकेश भारद्वाज, अधिवक्ता प्रमोद कु सिंह, कैट बार एसोसिएशन, प्रयागराज के सचिव जितेंद्र नायक, अधिवक्ता रविंद्र सिंह, अधिवक्ता अतुल श्रीवास्तव, अधिवक्ता सुनील कुमार दुबे, आजमगढ़ से अधिवक्ता अशोक राय, दिल्ली से प्रो शशि शेखर सिंह, पूर्व विधायक प्रो हरीश खन्ना, कांग्रेस के प्रवक्ता संजीव सिंह, कांग्रेस विधि प्रकोष्ठ के नितिन मिश्रा,पत्रकार शक्ति कुमार, रामजी साव, केरल से टी के अजीज व सुरेश बाबू, अधिवक्ता रवि प्रकाश मिश्रा, अधिवक्ता हरिकृष्ण चतुर्वेदी, सर्व सेवा संघ कार्य समिति के सत्येंद्र सिंह एवं मंत्री अरविंद अंजुम, एजाज अहमद, पूर्वांचल बहुजन मोर्चा के संयोजक अनूप श्रमिक आदि बैठे। 

 *जागृति राही*, 

*नंदलाल मास्टर*

 सत्याग्रह प्रभारी

 *राम धीरज*

 सर्व सेवा संघ

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